sad shayari in hindi for girlfriend

Whatever the reasons, love, life or friends, sometimes we feel very sad. Our emotions want to come out of our heart. To share your sadness, we have a finest collection of sad shayari in hindi for girlfriend Whatsapp Status....


मिल भी जाते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं, हैं मौसम की तरह लोग... बदल जाते हैं, हम अभी तक हैं गिरफ्तार-ए-मोहब्बत यारों, ठोकरें खा के सुना था कि संभल जाते हैं।

चमन में जो भी थे नाफ़िज़ उसूल उसके थे, तमाम कांटे हमारे थे और फूल उसके थे, मैं इल्तेज़ा भी करता तो किस तरह करता, शहर में फैसले सबको कबूल उसके थे। 

ख्वाब था बिखर गया ख्याल था मिला नहीं, मगर ये दिल को क्या हुआ ये क्यूँ बुझा पता नहीं, तमाम दिन उदास दिन तमाम शब् उदासियाँ, किसी से कोई बिछड़ गया जैसे कुछ बचा नहीं।

जुस्तजू खोये हुए की उम्र भर करते रहे, चाँद के हमराह हम हर शब सफ़र करते रहे, रास्तों का इल्म था न हमको सिम्तों की खबर, शहर-ए-नामालूम की चाहत मगर करते रहे। 

एक नजर भी देखना गंवारा नहीं उसे, जरा सा भी एहसास हमारा नहीं उसे, वो साहिल से देखते रहे डूबना हमारा, हम भी खुद्दार थे पुकारा नहीं उसे। 

काश वो समझते इस दिल की तड़प को, तो हमें यूँ रुसवा न किया जाता, यह बेरुखी भी उनकी मंज़ूर थी हमें, बस एक बार हमें समझ तो लिया होता। 

खुद को कुछ इस कदर तबाह किया, इश्क़ किया एक खूबसूरत गुनाह किया, जब मोहब्बत में न थे तब खुश थे हम, दिल का सौदा हमने बेवजह किया। 

सपनों से दिल लगाने की आदत नहीं रही, हर वक्त मुस्कुराने की आदत नहीं रही, ये सोच के कि कोई मनाने नहीं आएगा, हम को रूठ जाने की आदत नहीं रही। 

पत्थर समझ कर पाँव से ठोकर लगा दी, अफसोस तेरी आँख ने परखा नहीं मुझे, क्या क्या उमीदें बांध कर आया था सामने, उसने तो आँख भर के भी देखा नहीं मुझे। 

ज़िंदगी सिर्फ इसी धुन में गुजारे जायें, बस तेरा नाम, तेरा नाम पुकारे जायें, जब ये तय है कि यहाँ कोई नहीं आएगा, किस की खातिर दर-ओ-दीवार सँवारे जायें। 

उसका चेहरा भी सुनाता है कहानी उसकी, चाहते हैं कि सुनूँ उस से ज़ुबानी उस की, वो सितमगर है तो अब उससे शिकायत कैसी, और सितम करना भी आदत है पुरानी उसकी। 

जिसे खुद से ही नहीं फुरसतें, जिसे खयाल अपने कमाल का, उसे क्या खबर मेरे शौक़ की, उसे क्या पता मेरे हाल का।

नफरतें लाख मिलीं पर मोहब्बत न मिली, ज़िन्दगी बीत गयी मगर राहत न मिली, तेरी महफ़िल में हर एक को हँसता देखा, एक मैं था जिसे हँसने की इजाज़त न मिली।

बरसों गुजर गए हमने रोकर नहीं देखा, आँखों में नींद थी मगर सोकर नहीं देखा, वो क्या जाने दर्द-ए-मोहब्बत क्या है, जिसने कभी किसी का होकर नहीं देखा।

मैं तेरे प्यार से घर अपना बसाऊं कैसे, मैं तेरी मांग सितारों से सजाऊँ कैसे, मेरी किस्मत में नहीं प्यार की खुश्बू शायद, मेरे हाथों की लकीरों में नहीं तू शायद।

मुद्दत से जिसके वास्ते दिल बेकरार था, वो लौट के ना आया जिसका इंतजार था, मंजिल करीब आई तो वो दूर हो गया, इतना तो बता जाता कि ये कैसा प्यार था।

हमें अपने घर से चले हुए, सरे राह उमर गुजर गई,न कोई जुस्तजू का सिला मिला, न सफर का हक ही अदा हुआ।

इश्क की हमारे बस इतनी सी कहानी है, तुम बिछड गए हम बिख़र गए, तुम मिले नहीं और... हम किसी और के हुए नही।

शिकायत है उन्हें कि, हमें मोहब्बत करना नही आता, शिकवा तो इस दिल को भी है, पर इसे शिकायत करना नहीं आता।

तुमको छुपा रखा है इन पलकों मे, पर इनको ये बताना नहीं आया, सोते हुए भीग जाती हैं पलके मेरी, अब तक दर्द छुपाना नहीं आया।

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